Powered By Blogger

Monday 18 November 2013

हैराँ हूं …… 


हैराँ सा हो गया हूँ मैं , ज़िन्दगी तेरे इम्तिहहान से। 
तूने छीना है तारा अज़ीज़ सदा मेरे आसमान से। ……। 



No comments:

Post a Comment